यूँ तो बस चंद शब्दों में बयां करनी थी अपनी बात
और फिर लिखते लिखते
हज़ार अल्फ़ाज़ों से ये ज़माना भी हो लिया इनके साथ .....
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
Sign In
to know Author
- DHAKKANIYA SHILPI