ये यादें ही है जो कि महकती रहती है हमेशा
वक़्त और साथ तो बस रेत की तरह फिसलता ही चला गया
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
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- DHAKKANIYA SHILPI
Comments (2 so far )
PRATIKSHA NAKTI
true !
October 20th, 2016
Author
:)
October 20th, 2016