बदलते हुए मौसम तो देखे हैं सिर्फ चार....
हैरान ही रह गए जब मिले देखने उसके "अनगिनत" नकाब बार बार .....
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
Sign In
to know Author
- DHAKKANIYA SHILPI