|| एक नया अध्याय जोड़ेगी उसकी ये बात "बाकी"
आज कर रही हो "बाकी बातो" की "बातें" , "ढक्कनिया "
कल कहोगी रह गई अधूरी "वो रात बाकी , वो मुलाक़ात बाकी " ||
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- DHAKKANIYA SHILPI