हेल्लो दोस्तों!
मै हु शेयरिंग ऑटो। आप सभी मुझसे वाकिफ़ होंगे और ज्यादातर का तो मै हमसफ़र भी रहा हूँगा।
मै एक सच्चा देशभक्त हूँ। मुझसे बड़ा राष्ट्रीय-एकता का उदाहरण शायद ही कोई और हो।
किसी भी धर्म का, किसी भी तबके का, किसी भी उम्र का मेरे लिए सब बराबर है। सब के लिए एक ही रेट तय है। मै एक गुलक की तरह हूँ, जैसे गुलक मे रूपये भरे जाते है, मुझमे इंसानों को भरा जाता है वैसे भी जितने ज्यादा लोग उतना ज्यादा रुपया।
मुझ पर कोई ध्यान नहीं देता है, किस तरह मै ज़रूरत से ज्यादा भोझ उठता हूँ, सिर्फ तीन पहिए होते हुए भी एक रेसिंग कार की तरह दोड़ाया जाता हूँ।
मेरे साथ सफ़र करने वाले सभी की एक अलग ही कहानी होती है, किसी का बॉस लेट आने के कारण उसकी ले रहा होता है या तो कोई अपनी G.F. को दे रहा होता है(ज्ञान).
जिस भाई के साथ कोई लड़की बैठ जाये वो तो मेरे आड़े-तिरशे चलने की कामना करता है लेकिन मै भी उसको जल्दी उतार कर उसके सभी मनसूबो पर पानी फेर देता हूँ या फिर सीधा-सीधा अराम से चल कर।
वैसे आजकल सर्दिया शुरू हो गयी है, जो लोग अंदर होते है उन्हें तो मज़ा आता है ज्यादा गर्मी पा कर लेकिन जो बाहर बैठता है वो मंजिल के जल्दी आने की दुआ करता है।
अगली बार जब मेरे साथ चलो तो मुझे मशीन मत समझना, मेरे सीने मे भी दिल धड़कता है, तुम उसे RPM मे नाप भी सकते हो। जैसे तुम्हारे लिए खून ज़रूरी है वैसे ही मुझे पेट्रोल/डीज़ल चाहिए।
जब उतरो तो गाली मुझे मत देना कसूर मुझे चलने वाले का होता है, उसे रूपये/पैसे चाहिए मुझे तो बस थोडा सा रख-रखाव ही चाहिए.
आपका हमसफ़र
शेयरिंग ऑटो