“सर कुछ भी हो लड़का पूरे मिडिया में और देश में छा गया”.
“इसमे कौन सी बड़ी बात है ये तो तुम भी कर सकते हो”
“वो कैसे सर?”
“तुम्हे सिर्फ अपने आर्गेनाईजेशन में प्रसिद्ध होना है या देश में?”
“सर, पहले आर्गेनाईजेशन में प्रसिद्ध होने का तरीका बताईये”
“बिलकुल आसान है, अभी लंच के बाद जैसे ही कक्षा आरम्भ हो तुम उठ कर शिक्षक को खीच कर दो तीन थप्पड़ मार देना. फिर देखो ये खबर कैसे आग की तरह पूरे आर्गेनाईजेशन में फैलती है”
“सर आप मजाक कर रहें है?”
“नहीं भाई मैं पूरी गंभीरता से तुम्हे ये बात बता रहा हूँ. अच्छा तुम ही बताओ ऐसा करने से तुम फ़ौरन फेमस हो जाओगे या नहीं?”
“हाँ वो तो है. और सर अगर देश में फेमस होना हो तो?”
“तब तुम कल अपने गाँव से एक देशी कट्टा लेकर आना और आकर दो तीन लोगो को गोली मार देना”
“सर, आप कैसी बाते कर रहें है? पुलिस आ जायेगी मुझे पकड़ लेगी”
“वो सब बाद की बातें है लेकिन तुम देश में ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो जाओगे”
“सर ये तो गलत काम है मैं किसी अच्छे काम से फेमस होना चाहता हूँ”
“बेटा अच्छे काम से फेमस होने का रास्ता बहुत लम्बा है, कई बार पूरा जीवन निकल जाता है, फिर भी कोई गारेंटी नहीं है. जो मैंने बताया है वो इंस्टेंट शोर्ट कट है”
“लेकिन सर, जब पुलिस, अदालत, लोग, समाज, मेरा परिवार मुझसे पूछेगा कि तुमने ऐसा क्यों किया तो मैं क्या जवाब दूंगा?”
“कुछ भी बता देना जैसे मैंने जिन्हें मारा है वो सरकारी नौकर थे अर्थात सरकारी पैसे पर पलने वाले हरामखोर थे. ये दीमक की तरह हमारे देश को खा रहे थे. जहाँ हमारे देश में हजारो-लाखो लोग भूखे मर रहे हैं वहीं ये लोग लंच में नॉन-वेज और पनीर की सब्जी खा रहे थे. मैं इस सिस्टम के खिलाफ क्रांति का एलान करता हूँ. लाल सलाम जिंदाबाद. आजादी लेके रहेंगे.
“सर ये तो ना सिर्फ झूठ होगा बल्कि हर तरह से नैतिक, सामाजिक और कानूनी रूप से अपराध होगा. मैं दुनिया को तो जवाब दे दूंगा पर अपनी अंतरात्मा को क्या जवाब दूंगा.”
“तो भाई फिर सिर्फ एक ही रास्ता है फेमस होने का”
“वो क्या सर?”
“कल तुम घर से नंगे निकलना और सब जगह; बस में, मेट्रो में, सड़क पर, क्लास में नंगे घूमना, तब तुम एक दम फटाफट फेमस हो जाओगे.”
“सर मेरी इज्जत का क्या होगा?”
“यार बड़े अजीब आदमी हो तुम, तुम्हे गलत काम भी नहीं करना है, अपना आत्म सम्मान भी नहीं खोना है, अंतरात्मा को भी नहीं मारना है, तुम्हे इज्जत भी प्यारी है और तुम्हे फेमस भी होना है.”
“हाँ सर”
“मैंने बताया ना कि अच्छे काम से फेमस होने में जिंदगी लग जाती है और फिर भी कोई गारेंटी नहीं है.”
“सर, कोई छोटा रास्ता बताईये ना”
“भाई मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ मुझे माफ़ करो. तुम जेएनयू वाले कन्हैया के पास क्यों नहीं जाते? शायद उसके पास कोई आईडिया हो”