मैं भारत हूँ.....
हर सुबह “सर्वे भवन्तु सुखिनः” का उच्चारण करके पूरे विश्व के लिए सुख और शान्ति मांगने वाला मैं भारत हूँ.....
विश्व को अर्थशास्त्र, गणित, चिकित्सा विज्ञान, शून्य और दशमलव देने वाला मैं भारत हूँ......
वेद, उपनिषद और गीता का पाठ संसार को पढ़ाने वाला मैं भारत हूँ......
कृष्ण, चाणक्य, गौतम बुद्ध, महात्मा गाँधी और कलाम की पाठशाला में पढ़ा मैं भारत हूँ.....
हनुमान की गदा, अर्जुन के गांडीव, कृष्ण के सुदर्शन, रानी लक्ष्मीबाई की तलवार और आज़ाद की पिस्तौल के पराक्रम का साक्षी मैं भारत हूँ........
राम, युधिष्ठिर, चंद्रगुप्त, अशोक और लाल बहादुर के धर्म-राज से सम्मानित मैं भारत हूँ.....
धर्म, जाती, प्रांत और भाषा के आधार पर बटा
भ्रष्टाचार के दानव की भुजाओं में जकड़ा
अपने ही पुत्रों में हो रहे महाभारत से सहमा
भूख से बिलखते, गरीबी से त्रस्त अपने बच्चों की करुण पुकार से व्याकुल
अनगिनत सामाजिक बीमारियों से ग्रसित
स्वतंत्र होकर भी अपनों की बेड़ियों में जकड़ा
काल चक्र की गति से टूटे सिंहासन पर बैठा
क्या मैं वही भारत हूँ???
-Abhishek Gupta