ना जाने जिंदगी कब थम जाये, दूर साँसे धड़कन से हो जाये,
जी लो यहाँ हरपल जी भरकर ना जाने किस पल जीने की हसरत थम जाये,
जिन्दा हो यहाँ तुम तो एहसास दिलाना जरुरी है वरना ना जाने दुनिया की खातिर कब तू बिता हुआ कल बन जाये,
जो भी है करना तुझे कर गुजरो आज और बस अभी ना जाने कोई हसरत दिल में ही दफ़न रह जाये,
दर्द कभी जाता नहीं जिंदगी से हर दर्द को तुम हंसकर पि डालो ना जाने किस पल हर दर्द भी तुझसे रिश्ता अपना तोड़ जाये।
{जितेन्द्र सिंह}
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