देखिये मुझे पता है ये मॉडल नहीं चलेगा, लेकिन आजतक मैंने एक्सिस्तिंग मॉडल को ही चैलेंज किया है तो धारा के साथ चलने का प्रशन ही नहीं उठता | हमेशा हम धारा के खिलाफ जाने का प्रयास करते हैं और सफलता मिलना न मिलना सब हमारे कर्मो पर निर्भर है | हमारा काम ही हमेशा से धारा के विपरीत परिवर्तन लाने पर फोकस रहा हैं तो इस परिवर्तन के पथ पर जो मुश्किल आयेंगी हमें उसका डट कर मुकाबला करने को तैयार रहना होगा |
जब भी बात व्यवस्था परिवर्तन की आती हैं तो वो अपने साथ मुश्किलों का अम्बार लेकर आती हैं | हर नया कदम बिना विरोध का, बिना बात विवाद का आगे नहीं बढ़ पाता परन्तु इसी परिवर्तन के गर्भ से एक नयी उर्जाशील व्यवस्था बाहर आती हैं और तब बदलाव दिखता है | इस बदलाव को हम अपने हिसाब से ढालने की कोशिश करते रहते हैं |
हमारा कदम हमेशा लोगो के लिए एक अलबेला पहेली बन कर उभरता हैं | काम भी लीक से हट कर होता तो आम लोगो को समझ में नहीं आता और वो सोचने लगते हैं कि क्या ऐसा भी संभव है | क्या इस देश दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जो इन तरीके का काम करते हैं और इससे उनका क्या फायदा होता है | बदलाव और नये आर्थिक परिदृश्य ने लोगो को बनिया बना दिया है, जो हर चीज को नफा नुकसान के तराजू पर रखकर तौलने लगे हैं | और जब सामाजिक बदलाव को नफा नुकसान के तराजू पर तौला जाता है तो हम किसी क्रांतीकारी बदलाव की कल्पना नहीं कर सकते हैं |
आये दिन लोगो के तरफ से एक ही प्रशन निकल कर सामने आता है कि इसमें आपका क्या फायदा होगा और हम खुद इस उत्तर को तलाशते फिरते हैं | हमारे पास इस प्रशन का न आज तक जबाब रहा है और न आने वाले समय में इस प्रशन का जबाब मिलने वाला है | हम खुद इस अनूठे उत्तर के तलाश में रहते हुए भी लोगो को समझाने की कोशिश करते रहते हैं, ये जानते हुए भी कि ये बात इन्हें समझाना कठिन ही नहीं मुश्किल भी है | बहुत ही मुश्किल है |