देकर अश्क आँखों में हंसायेगा कौन
रूठ जाउं अगर मैं तो मनायेगा कौन
तेरी बालों की तरह ही उलझी तेरी उलझने सारी
मैं गर चला गया तो सुलझायेगा कौन
© नीतीश कर्ण
Tags:
Sign In
to know Author
- NITISH KARNA