कॉलेज परिसर में ये जो होने वाले इंजीनियर हैं :
कोई आइंस्टीन नहीं सभी बाई बोर्न शेक्स्पीअर है |
टेबल पर किताब,लैपटॉप और हाथो में रखते बियर हैं ||
न बैक की परवाह न जॉब का टेंसन, करते हर रोज चियर्स हैं|
कभी देर रात तक पढ़ाई तो अकसर लेट नाईट प्रीमियर है ||
बर्ड वाचिंग के विचार में खोये, हमेशा सिगरेट करते फायर हैं |
लड़कियों का झुण्ड देखते ही बन जाते शायर हैं ||
आते –जाते जो मिलता सबसे करते हेल्लो, हाय डियर हैं |
पिया-मिलन चौक पर घंटों बैठते, भले एग्जाम्स नियर है ||
पार्टी-सार्टी, रेसिंग–डेटिंग को जो रहता बेक़रार हैं |
वीकेंड पर धूम मचाने को, जिसे हमेशा रहता इंतजार है ||
जिसे 1- 2- 4 नहीं सभी लड़कियों से ही प्यार है |
वो सबसे बस यही कहता, हमको तो सिर्फ तुम्हीं से प्यार है ||
पी.ऍम.सी, स्टाफ क्लब, गल्ले पर जिनका हमेशा आना- जाना रहता है |
लाईब्रेरी में पढ़ना उनका, लड़कियों से बातें करने का बहाना रहता है ||
मेस का खाना अच्छा नहीं, क्योंकि लड़कियों के साथ जो 'मैग-डी' जाना रहता है|
बोर्डिगार्ड लवलीसिंह रिपोर्टिंग, क्योंकि लड़कियों में इम्प्रेसन बनाना रहता है||
एग्जाम्स में चीटिंग करना, टुटोरियल–असाइनमेंट्स कॉपी करना |
आल्वेज डूइंग चैटिंग एंड चैटिंग, यही उनका लेसन है ||
ऑनलाइन मेकिंग रिलेशन, यही इनका मेंन प्रोफेशन है |
इंजिनियरिंग पैसन नहीं,इन्क्रिजिंग फ्रेंड्स ऑन फेसबुक यही इनका मिशन है|
देर से उठते, बिना नहाये भाग के जाते, होते आधे घंटे देर हैं |
आगे चाहे जितनी भी सीटें खाली, ये पीछे बैठने वाले शेर हैं ||
दिख जाये कोई मस्त मॉडल, इसलिए खिडकीयों से झांकते बार-बार हैं|
क्लास में कोई कुछ भी करे, बस चिल्लाते सी.आर - सी. आर. हैं ||
भरी क्लास में आराम से सो जाते,दोस्तों के बीच प्रोक्सी किंग कहलाते हैं |
प्रोजेक्टर पर जब हो पढ़ाई, लाइट्स ऑफ करके मोबाईल पर शुरु हो जाते हैं |
बोरिंग लेक्चर्स में करते इंटरेस्टिंग बातें, अपने आपको लव-गुरु बतलाते हैं |
गर्ल पेयर या फेकल्टी सबपर कमेन्ट मारते,कैंटीन की महफ़िल रंगीन बनाते हैं||
[पी.ऍम.सी- संस्थान परिसर का बहुचर्चित जगह "पिया मिलन चौक "]
[सी.आर - क्लास रिप्रेसेन्टेटिव ]
- चन्द्रशेखर प्रसाद