तमाम राहों पर तुझे ढूँढता रहा, हर शख़्स में तेरे अक्स को तलाशता रहा ।।
मिले ना तुम कोई रंज-अो-ग़म नहीं, इसी बहाने जीने का सहारा तो मिला ।।
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- Anonymous