प्रिय मिश्रा जी,
दरभंगा शहरी विधानसभा क्षेत्र राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश के गिने चूने विधानसभाओं में से एक है, जिसे सच्चे अर्थों में एक जनप्रतिनिधी के तौर पे संजय सरावगी जी जैसा नेता व उनका नेतृत्व मिला है।दरभंगावासियों को सरावगी जी के बारे में बताने की कोई खास जरूरत नहीं है, क्योंकि शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे माननीय विधायक जी व्यक्तिगत तौर पे ना जानते हों या कोई व्यक्ति ये कहे कि सरावगी जी ने फोन करने पे उसका फोन ना उठाया हो,और किसी समस्या के समाधान के लिए कदम ना उठाया हो। ये तो जनसंमपर्क की बात हुई, अब आप कार्यकर्ताओं की बात करें, तो आप इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं, कि पूरे राज्य में दरभंगा ही एक मात्र विधानसभा है,जहॉं १० हजार के करीब कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र दिया गया है।आम जनता चाहे वह किसी भी समुदाय,धर्म व जाति का हो, उसके सुख दु:ख के समय सरावगी जी की मौजूदगी ही सबकुछ बयॉंन करती है, इससे आगे कुछ कहने की जरूरत नहीं है, फिर भी आपकी जानकारी के लिए बत्ता देता हूँ, कि सरावगी जी ऐसा जननेता आज से पहले कभी भी दरभंगा को ना मिला ना ही मिलेगा।
अब आते हैं शहर के विकास पर तो,आपने स्वंय ही अपने लेख में इसका जिक्र किया है,फिर भी बत्ता देते हैं कि शायद ही दरभंगा का कोई कोना हो जहॉं पर सड़क व नाले का निर्माण न करवाया गया हो। जहॉं तक दरभंगा टावर और शहर के कुछ हिस्सों में पानी के निक्कासी का प्रशन है, तो वो राज्य सरकार द्वारा राजनीति हित के कारण जानबूझकर बरती जा रही लापरवाही का नतीजा है,और सरावगी जी इस मुद्दे को विधानसभा के अंदर और बाहर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
जहॉं तक दरभंगा के सर्वांगीण विकास की बात है, चाहे वो स्मार्ट सिटी हो,हवाई यतायात को बहाल कराना या दरभंगा ही नहीं पूरे मिथलॉंचल के यात्रीयों को रेलवे की बेहतर सुविधावों को लेकर केंद्रीय मंत्रीयों से मिलकर यथास्थिती से अवगत करा उनसे मदद मॉंगना शामिल है।
वह शख्स जिसने "बढ़ेगा दरभंगा,बनेगा दरभंगा" के लिए अपना सबकुछ दॉंव पे लगा दिया है,जो अपना अधिकांश समय पटना में व्यतीत ना करके दरभंगा में जनता के बीच बिताते हैं, उनके बारे में ऐसी बातें लिखना जिसका यथार्थ से कोई लेना देना आपको शोभा नहीं देता, क्योंकि अगर जनप्रतिनिधीयों की क्षेत्र की जनता को लेकर जिम्मेवारी है, तो हमारी भी जबाबदेही बनती है, कि हम बिना किसी साक्ष्य के भ्रम न फैलायें।।
आभारी
अमित कुमार
Tags: