आपके दिल मेँ रहूँ अब
. . . . . ऐसी हसरत भी नहीँ
दरमियाँ बस फ़ासले हैँ
. . . . . कोई क़ुरबत भी नहीँ
साथ रक्खो तो ईनायत
. . . . . छोड दो तो भी सनम
सच तो ये है अब तुम्हेँ
. . . . . मेरी ज़रूरत भी नहीँ
अब कोई रिश्ता नहीँ है
. . . . . इक यही रिश्ता है बस
हाँ मुहब्बत भी नहीँ है
. . . . . . और नफ़रत भी नहीँ
दूरीयोँ को दूर करने मेँ
. . . . . . .न जाने क्या हुआ
अब नज़र के आईने मेँ
. . . . . कोई सूरत भी नहीँ
जो मेरे अहसास से
. . . . . पैदा हुआ था खो गया
ना रहा वो प्यार का मंदिर
. . . . . . . . वो मूरत भी नहीँ
- शिव
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- SHIV DIXIT
Comments (2 so far )
ANSHUL
Ultimate...I like what you write...keep it up..
May 21st, 2015
Author
Thanks a lot Anshul
May 22nd, 2015