राहें बदल गयी थी, मंजिल मगर एक ही थी !!

सूरत और सीरत की शायद यही परेशानी थी,

हमने दिल को सुना, उन्होंने दिमाग की मानी,

मंजिल पर पहले वो पहुचे, देर तक मगर हम रहे !!

Tags: Tragedy

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