सफ़र पर निकले थे, मंज़िल की ख़बर ना थी,
क़दम बढ़ते गए, राहें बनती गई।।
पिछे मुड़े तो बस यही था दिखा,
रिश्ते टूट गए थे, रास्ते बन गए थे।।
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- Anonymous
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ETERNALME
raste badal gaye the
September 24th, 2013