कोई चाहत करने की वज़ह ढूंढता रहा,
कोई कहता मुहब्बत करने की वज़ह नहीं होती,
ताउम्र इंतज़ार करते देखा है मैने परिंदों को,
यूँ ही नहीं कहते मुहब्बत सी सज़ा नही होती.

Tags: Muhabbat

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