"तुम मैं और दो कप चाय,
ख्याल की ख़ामोशी चुपके से मुस्कुराये
कल के सपनो को फिर से गुदगुदाए
आसाओं की झाड़िया लहलहा सी जाये
तुम मैं और बस दो कप चाय ।"
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- RITESH SINGH
Comments (2 so far )
JITENDRA SINGH
hope you got her.
October 16th, 2014