न जाने लोग यादों को कहा कहा सजाते है ,
कोई इसे तस्वीरों में कैद कर जाते है ,
तो कोई इसे सावन भादो के
ऋतुओं से बाँध जाते है ,
यादें तो हम भी सजतें है अपनों का ,
कोरे पन्नो पे चुपचाप लिखते चले जाते है ....!!
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- PRANJAL KUMAR
Comments (3 so far )
RAMANPREET KAUR
your hindi poems are so good.. :)
August 3rd, 2014
Author
Thank you RAMANPREET :)
August 3rd, 2014