सवाल मेरे खुद से:
एक मुक़द्दर जो सो सा गया हो,
एक पुराना दोस्त भीड़ मे खो सा गया हो,
क्यो दिल इतना चुप इतना क्यो खामोश है आज,
एक मासूम बच्चा जो गुम-सुम रो सा गया हो.
ज़वाब मेरे खुद के:
सोया है मुक़द्दर जो, खुद के हाथों पे यकीन है,
खून और पसीने से इसको सोते से जगाऊँगा,
खो गया होगा दोस्त लेकिन दोस्ती पे यकीन है,
दिल से बुलाऊँगा और वो दौड़ा चला आएगा,
अब क्या करूँ मैं इस दिल में रोते हुए मासूम का,
खिलाऊँगा एक चॉक्लेट और ये दिल से मुस्कुराएगा :)
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- ASHISH CHAUHAN