जब पुरे मिथिला क्षेत्र में करोड़ों लोग रोटी से वंचित हैं, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं, अच्छी शिक्षा से वंचित हैं, अच्छे घर से वंचित है, शौचालय नहीं है, खाने के लिए अच्छा खाना नहीं है, बदन पर अच्छा कपड़ा नहीं है, इस सब के बाबजूद लाखों रूपया करोड़ों रुपया विद्यापति समारोह पर खर्च करना कौन सा तुक बनता है | यह आप मुझे समझा दीजिए ! सालों से आप काम कर रहें हैं यहां पर, हर साल देखता रहता हूं कि करोड़ों रुपया विद्यापति समारोह के नाम पर आप फुक देतें हैं |
अब प्रशन उठना लाजमी है कि एक भी विद्यापति समारोह में क्या मिथिला के विकास पर चर्चा की जाती है ? क्या आप उन लाखों लोगों के लिए सोचते हैं जो मिथिला के हर गांव में रोटी के लिए तड़प रहे हैं ? क्या आप को दया नहीं आती ? क्या उन लोगों के लिए आपको नहीं सोचना चाहिए जिनके बल पर समाज में आपको एक स्थान मिला ? जब वक्त आया कि आप अपने समाज के लिए कुछ काम करें, गांव के लिए कुछ काम करें, अपने क्षेत्र के लिए कुछ काम करें, तब आप विद्यापति समारोह में व्यस्त हो गए | अब प्रशन उठता है कि हर साल लाखों रुपए खर्च करते हैं आप लोग लेकिन एक भी विद्यापति समारोह में विकास की एक बात नहीं होती |
कौन सवाल उठाएगा ? कौन बोलेगा ? कौन पूछेगा ? भाई जब तक हमारे मिथिला क्षेत्र के करोड़ों लोगों को रोजगार नहीं उपलब्ध होगा, उनकी गरीब नहीं खत्म होगी, उनकी भुखमरी नहीं खत्म होगी, उनके पेट में आनाज नहीं होगा तब तक लाखों-करोड़ों रूपया विद्यापति समारोह में खर्च करना कहां तक उचित है ? यह प्रश्न करना होगा ? जी हाँ प्रशन उठाना ही होगा | आने वाले समय में ऐसा ही होगा | विद्यापति समारोह में आप 5 मिनट के लिए ही सही लेकिन विकास की बात करनी होगी |
लेखक - ( एक बेरोजगार मैथिल )