खुश नहीं;
न दुखी हूँ!
आज़ाद तो नहीं,
पर मजबूर भी नहीं!
न उड़ता हूँ;
न बरस्ता हूँ !
जलता भी नहीं
और न बुझता हूँ!
न रास्ता हूँ ,
ना हि मंज़िल !
कोई रफ़्तार नहीं ,
कोई अरमान नहीं !
डगर भी नहीं
और डगर की कसर भी नहीं !
बस खड़ा हूँ यहीं
और देखता हूँ युँही!
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- NITIN VISHEN
Comments (3 so far )
RAMANPREET KAUR
nice :)
September 23rd, 2014
there is someone who always try to put himself in Hindi . I really respect you dude. People forgot their language but you.....just amazing and nice poet of hindi verses
September 23rd, 2014