तेरी राखी तो मिल गया बहना....
पर जल्दी से नहाने के लिए.
झगड़ना रह गया बांकी...
तेरा रूठना और मेरा.
मनाना रह गया बाँकी....
तेरी राखी तो मिल गया बहना...
पर तेरा टेढ़ी-मेढ़ी टिका लगाना,
रह गया बांकी...
उस पे मेरा गुस्सा हो जना,
और तेरा मनाना रह गया बाँकी...
तेरी राखी तो मिल गया बहना...
पर तेरा ढीले से राखी बंधना,
मेरा कास राखी बांधने को कहना,
और इस बात के लिए तू-तू-में-में,
करना रह गया बाँकी....
तेरी राखी तो मिल गया बहना..
पर तेरा अपने हाथो से मेरे,
मुँह में मिठाई खिलाना और,
मेरा अपने हाथो से तेरे मुँह में
खिलाना रह गया बाँकी.....
अमित सिंह
Tags:
Sign In
to know Author
- AMIT SINGH
Comments (1 so far )
VIJAY JHA
HATS OFF
September 2nd, 2015