मन
कभी ये चाहे
कभी वो चाहे
अजीब बावरा है ...
एक पल हारा सा है ,
अगले ही पल विजयी सा ,

आज कुछ चाहिए ,
तो कल कुछ ...
पल पल ज़िन्दगी में ,
कुछ न कुछ नया !!!

यूँ ही बैठे हुए सोचा ,
जो कल था आज नही ,
अब वो चाहिए ...
जो है अभी ,
वो नही चाहिए ...

अजीब कशमकश ,
अनसुलझे कितने ही प्रश्न ,
हुआ बहुत बार अभी तक ,
पल पल सुलझाने की कोशिश
बीते कल को ,
एक खोये हुए पल को ...

बेहतर हो इस पल में जिया जाये ,
इस पल को खुबसूरत बनाया जाये,
कल आने वाले कल में फिर,
न बीते कल को याद किया जाये !!!

Tags: Philosophy

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