मेरा लिखा हुआ नहीं है.. हाल ही में कहीं पढा.. दिल को छू गया.. सोचा आप लोगों के साथ भी बाटूं....
गर्भवति माँ ने बेटी से पूछा.. " क्या चाहिए तुझे.. बहन या भाई ?? "
बेटी बोली.. " भाई "
माँ ने कहा.. " किसके जैसा ? "
बेटी ने गर्व से कहा.. " रावण जैसा !! "
माँ ने जवाब दिया.. " क्या बकती हो ??? "
पिता ने धिक्कारा ... खूब गुस्सा किया... माँ ने घूरा... गाली दी...
बेटी बोली.. " क्यूँ माँ ??? " " बहन के अपमान पर राज्य वंश और प्राण लुटा देने वाला... शत्रु की स्त्री को हरने के बाद भी स्पर्श न करने वाला... रावण जैसा भाई ही तो हर लड़की को चाहिए!!! छाया की तरह साथ निभाने वाली, गर्भवति, निर्दोष पत्नी को त्यागने वाले मर्यादा पुरुशोत्तम सा भाई लेकर क्या करूंगी मै ??? " " और माँ... अग्नि परीक्षा, चौदह वर्ष वनवास, और अपहरण से लांछित बहू की कृतार आहें तुम कब तक सुनोगी... और कब तक राम को ही जन्मोगी ??? "
माँ सिसक रही थी... और पिता आवाक था !!!
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