man of boundless curiosity and a learner for life
28 years old, Male, New Delhi
14th April '13
00:28 am
Lucknow
Dear Diary,
And i look Blankly at my computer screen. Unable to comprehend or react, am i just waiting for the time to pass off.
BUT what lies beyond this time, this phase. An unending sea of such time. Motionless and still like the Sea.
I find myself helpless and still, for the first time in my life.
2 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²
11:34am
फैजाबाद
कल मै अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ शहर की पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सबà¥à¤œà¥€ मंडी गया था.
पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इसलिठकà¥à¤¯à¥‚की मेरा बचपन बीता था यहाà¤. इनà¥à¤¹à¥€ गलियों के दरमियाठहमने चलना सीखा था.
इनà¥à¤¹à¥€ सबà¥à¤œà¥€ वालों के बीच हर शाम मैं और पिताजी सबà¥à¤œà¥€ लेने आते थे.
उस दौर कà¤à¥€ गौर नहीं किया, और कà¥à¤› ज़रूरत à¤à¥€ महसूस नहीं हà¥à¤ˆ. आज इतà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¾à¤¨ से कà¥à¤› लमà¥à¤¹à¥‡ बस देखता ही रहा, लोगों को - चीज़ों को. सबà¥à¤œà¥€à¤µà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ को, खोमचे वालों को, ज़मीन पर बैठे उस निराश से दिखते, कà¥à¤› गंजे से हो चà¥à¤•à¥‡ सबà¥à¤œà¥€ वाले को. जिसने सारे आलू जमीन पर बिखेर रखे थे, इस बात से बेफिकà¥à¤° की कोई उठा ले जायेगा.
कà¥à¤› आगे बà¥à¤¾ तो साग वाला, जो हर कà¥à¤› लमà¥à¤¹à¥‡ पानी दाल कर पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हरा रखने की कोशिश कर रहा थे. और आगे à¤à¤• बूढी औरत बस दो या तीन कदà¥à¤¦à¥‚ रखे अपने खरीदार के इंतज़ार में बैठी थी.
यहाठमसालों का à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤° हो रहा था . किसी ने दो रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ देकर कहा सब मसाले दे दो, और बूà¥à¥‡ काका ने à¤à¤Ÿ से à¤à¤• अखबार की टà¥à¤•à¥œà¥‡ में मसालों की तमाम किसà¥à¤®à¥‡à¤‚ कैद कर दीं.
उस दिहाड़ी मजदूर को कैसी विजय अनà¥à¤à¥‚ति हà¥à¤ˆ होगी, की उसने आज शाम का कैसा कामयाब कारोबार जमा लिया.
à¤à¤• कोने में कà¥à¤› दूर सही ऎक औरत कà¥à¤› मछलियाठà¤à¥€ बेच रही थी. यहाठसबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¥€à¥œ थी, खरीदने वालों से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देखने वालों की. मà¥à¤à¥‡ लगा गरीबों ने आà¤à¤–ों से ही सà¥à¤µà¤¾à¤¦ चखने की अदà¥à¤à¥à¤¤ कला विकसित कर ली है.
लेकिन मै ये कà¥à¤¯à¤¾ कहने लगा, अरे मै कोई सबà¥à¤œà¥€ मंडी का अवलोकन थोड़े ही कर रहा था. मैने तो बस इतना ही गौर किया की यह सारे चेहरे मेरे बचपन वाले ही थे.
हर ठेला, हर खोमचे वाला, वो मछली वाली की खचिया, उस साग वाले की बोरी. यह सब वही लोग थे जो मेरे बचपन के सहयातà¥à¤°à¥€ थे. यह सब बंदोबसà¥à¤¤ मेरे उस à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥‡ और छूट चà¥à¤•à¥‡ बचपन का हिसà¥à¤¸à¤¾ ही तो थे.
लेकिन à¤à¤• फरà¥à¤• आ गया था.
मैंने ज़िनà¥à¤¦à¤—ी की दौड़ में अपना शहर, और इस पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सबà¥à¤œà¥€à¤®à¤‚डी के लोगों को बहà¥à¤¤ पीछे छोड़ दिया था. कà¥à¤› बड़ा और बेहतर हासिल करने की खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ में ये सारे चेहरे मà¥à¤à¤¸à¥‡ बहà¥à¤¤ दूर हो गठथे.
और आज जब गौर किया तो इन चेहरों में बहà¥à¤¤ à¤à¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पड़ गयीं थीं. इनके सपने इनके सोच सब इस सबà¥à¤œà¥€ मंडी से ही जà¥à¤¡à¥€ रहीं. यहाठकोई बदलाव नहीं आया.
लोग à¤à¥€ वही थे, सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ वही थी और दाम à¤à¥€ कमोबेश वही थे.
बस मै इस ज़िनà¥à¤¦à¤—ी की दौड़ में दौड़ते हà¥à¤ कहीं इन सब से बहà¥à¤¤ पीछे छूट गया था.
1st April '13
1:37pm
Faizabad
Dear Diary,
There couldnt have been a better day to start writing my diary again. i dont remember when was the time i wrote last. Maybe an year or maybe more.
Its not that there haven been things to share. Much has been happening, in life and beyond.Maybe i was too lethargic to write or too tired to respond to what the life was doing with me.
I work in a StartUp. A better word to be used here will be an-almost-failed-startup. i sacrificed my so rewarding job my skyrocketing career, hopes aspirations and dreams. I loved working at CVG, a place which gave me recognition; much more than i deserved. A place where people gave me respect, the one which I had earned and also which I hadn’t.
Maybe people don't like it when you start to love what you are doing. Maybe this is where i erred. This is why i have to suffer.
So i left everything behind, i left everyone behind. I had a life and i had people to share it with. today i have nothing.
And then i joined TEchP. A startup i joined as a Product Manager, moved to mktg manager, and now i am VP- marketing. But dont take this as a growth path. It all is there because of need.
Own a diary. Keep note of what is going on in your life. It would be amazing to look at it few years down the line. Or, you can have a diary of your imagination. A life you want to live. Note down what your character will be doing each day. Live a different life. You can keep it personal. Create one now. You'll love this concept. Login to create new.