(इस कविता में मैंने, सती वियोग में समाधिस्थ शिवजी की कामदेव द्वारा समाधि भंग Read More
आधी आबादी हूँ आधी धरती और आधे आकाश पर मेरा अधिकार है. कब तक बहला -फुसला कर Read More
बोल तुम्हारे, भाव तुम्हारा, मेरा तो बस स्पर्श मात्र है प्रीत तुम्हारी, गीत Read More
पाना नहीं मुझको तुम्हें बस कल्पनाओं में प्रिये जीना नहीं मुझको तुम्हें बस Read More
छोटी छोटी इच्छाओं पर, जी लेते हैं, मर लेते हैं यूँ ही हँसते- रोते, Read More
अच्छा लगता है कभी कभी अतीत के पन्नो को पलटना किसी पृष्ठ पर रुक कर उसे हौले से Read More
मेरे जज़्बात तुम बिन कम न होते। ख़ुशी से रूबरू पर हम न होते। रुतें आतीं तेरे Read More
कह नहीं सकता कि मुझमें पहले तुम जन्मी थी या कविता ? दादी के कहानियों Read More
करो सच्ची इबादत, फिर इबादत का असर देखो उफ़नती मौज़ पर बनती हुई एक रहगुज़र देखो Read More
रावण कभी भी तो न मारा जा सका बस गात ही खंडित हुआ था वाण से श्रीराम के. वह Read More
जाने गुलशन की फ़िज़ा को क्या हुआ है आज तो हर फूल ही सहमा हुआ है अब दरीचों से महज Read More
तुम मेरा प्यार हो..... तरुणाई के स्वप्नों की मिठास हो उषा की पहली किरन की उजास Read More
अभी तो बहुत चलना है हमें बहुत तपना है बहुत सहना है पीड़ा के चरम बिंदु पर मेरे Read More
एक - -------- सुबह बहुत चमकीली हो जाती है जब रात भर मेरी पलकों में डोलती तुम्हारी Read More
भूल गई थी कि मैं एक नारी हूँ.… मनुष्य नहीं, बस यही मेरी गलती है. भूल गई थी कि Read More