यह कैसी हवा चली है मैंने सोचा की में नहीं बदलूँगा पर क्या करून सारा मंजर ही Read More
अनजान था जिसके एहसास से कभी न हुआ था सामना जिससे तुम्हे सिर्फ दूसरों Read More
बेबसी जब मैंने तुम्हे पुकारा , तुम मुड़ कर जा चुके थे जब तुम मुड़ कर Read More
आज उदासी कुछ गहरी सी है मन ही मन सोचता जा रहा हूँ कभी अपने अतीत में तो कभी Read More
कहाँ जाना चाहता था कहाँ जा रहा हूँ क्या चाहता था जिंदगी में और क्या हो Read More
कहाँ जाना चाहता था कहाँ जा रहा हूँ क्या चाहता था जिंदगी में और क्या हो ... Read More
समझना तो बहुत चाहता हूँ अपनी जिंदगी को पर उस मक़ाम तक सोंच न पहुँच सकी ... Read More
तूने न्योता और मैं पहुँच गई, थोडा मौन ,थोडा सा सुकून , एक ... Read More